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संवाददाता आशीष कसौधन
उतरौला(बलरामपुर)जनपद बलरामपुर के तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम गोनकोट ,सिखुइयाँ , मुड़ीलिया ,कुड़ऊ ,बऊड़ीहार , आदि गांव बाढ़ की विभीषिका से जूझना ग्रामीणों की नियति बन गई है ।
जहां बाढ़ के जलस्तर बढ़ने से ग्रामीणों का जीना मुश्किल हो गया है । हर साल बाढ़ की विभीषिका झेल रहे ग्रामीणों की दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं ।
राप्ती नदी, बूढी राप्ती अपने उफान पर है । गांवो तक बाढ़ का पानी घुस रहा है. । जिससे आवागमन के रास्ते तक बन्द होने की संभावना बन गई हैं ।
पशु पालको के लिए हरे चारे का संकट हो गया है. इन सबके बावजूद प्रशासन की ओर से बाढ़ से बचाव की तैयारियां धरातल पर नहीं दिख रही है ।
नदियो का जलस्तर यदि बढ़ता रहा तो न केवल बाढ़ की गंभीर चुनौतियों से ग्रामीण जूझेंगे बल्कि बाढ़ के पानी के उतार के बाद संक्रामक बीमारियों का भी खतरा उनके लिए परेशानी का कारण बनेगा.
बाढ़ के चलते पलायन कर रहे ग्रामीणों को बेहतर सुविधा मुहैया कराना प्रशासन के लिए चुनौती पूर्ण होगा ।
ग्रामीण बाढ़ की विभीषिका का सामना कर रहे हैं, जबकि प्रशासन का दावा है कि वह बाढ़ के हालात से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है ।
उन्हे सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाने और पशुओं तक के चारे की मुक्कमल व्यवस्था के इंतजाम किए गए हैं ताकि जरूरत पड़ने पर उसे जरूरतमंदो तक पहुंचाया जा सके ।
कुछ गांव के भीतर अभी पानी नही घुसा है लेकिन पशुओ के चारे के लिए गंभीर संकट हो गया है ।
गांव वालों का कहना है
कि हम तो जैसे तैसे हर बार बाढ़ को झेल लेते हैं लेकिन जानवरो के लिए चारे का संकट बढ़ जाता है. गोनकोट , सिखुइयाँ गांव बाढ़ के पानी से घिर चुका है । ग्रामीणों का कहना है
कि यदि बाढ़ के पानी का स्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो घरो में दो दिन में पानी घुस जायेगा. आस पास के गांवो का भी यही हाल है. हालत यह है कि जिन गांवो में बाढ़ का पानी पहुंच चुका है
वहां संक्रामक बीमारियो का खतरा बढ रहा है लेकिन प्रशासन की ओर से इसको लेकर अब तक पुख्ता इन्तजाम नही किये गये है. ग्रामीणों का कहना है कि हर साल वे बाढ़ की चुनौतियों से जूझते हैं,
लेकिन बाढ़ से बचाव के न तो मुक्कमल इंतजाम प्रशासन की ओर से किए जाते है और न ही उनके ठौर ठिकानों की ही समुचित व्यवस्था की जाती है. प्रशासन के दावें वास्तविक धरातल पर कितना बेहतर हैं
इसे बाढ़ ग्रस्त गांवों में पहुंचकर ही देखा जा सकता है । इस दौरान संतराम,दुर्गाप्रसाद, धनीराम यादव,कुतबुल्लाह खान
इस्लाम खान,पुत्तन शेख,जेहरुद्दीन खान, आदि तमाम लोग मौजूद रहे ।